Posts

Showing posts from January, 2019

प्रियंका गांधी क्या अगली इंदिरा गांधी हो सकती हैं?

साल 1999, रायबरेली. चुनावी मुहिम ज़ोर-शोर से जारी थी. कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन सतीश शर्मा मैदान में थे तो बीजेपी की तरफ़ से राजीव गांधी के चचेरे भाई अरुण नेहरू. उस वक़्त 27 साल की एक नौजवान महिला कांग्रेस का प्रचार कर रही थी. उन्हें देखने काफ़ी भीड़ जमा हो जाती थी. अरुण नेहरू रायबरेली से पहले भी चुनाव जीत चुके थे. अरुण नेहरू की वजह से रायबरेली में बीजेपी के लिए माहौल बनता हुआ दिख रहा था. ऐसे में उस 27 साल की लड़की ने एक चुनावी रैली के बीचोबीच सवाल पूछा, "मेरे पिता जी से दग़ाबाज़ी करने वालों को आपने यहां पर घुसने कैसे दिया." उन्होंने आगे कहा, ''क्या आप उन्हें वोट देंगे जिन्होंने मेरे पिता की पीठ में छुरा घोंपा.'' इस बयान की काफ़ी चर्चा हुई और इसकी गूंज दिल्ली तक सुनी गई. दूसरे दिन अरुण नेहरू के प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजपेयी रायबरेली पहुंचे. उन्होंने अपने भाषण में उस लड़की के बयान पर काफ़ी हल्के-फुल्के ढंग से अपनी प्रतिक्रिया दी. "हमने सुना कि ये किसी का इलाक़ा है. आपने इस आदमी को घुसने कैसे दिया." इसके बाद चुनाव प्रचार काफ़ी ज़

ये है कंगना रनौत की मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी छोड़ने की वजह? सोनू सूद ने बताया

2019 में रिपब्लिक डे के मौके पर रिलीज हो रही कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी चर्चा में है. कंगना स्टारर मूवी को सोनू सूद ने बीच में ही छोड़ दिया था. सोनू के अचानक बाहर होने की वजह कंगना का डायरेक्शन बताया गया. अब एक्टर ने बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में मणिकर्णिका छोड़ने की असली वजह का खुलासा किया है. सोनू सूद ने बताया, रीशूट और शूटिंग शेड्यूल की वजह से उन्होंने मूवी से किनारा किया. एक्टर ने कहा- ''जब डायरेक्टर और कंगना रनौत के बीच चीजें खराब हुईं तो वे फिल्म दोबारा से शूट करना चाहते थे. तब मैंने पूछा कि क्या रीशूट करना है? क्योंकि मैं कुछ ही सीन्स रीशूट कर सकता था, जो जरूरी थे. एडिटिंग के बाद मूवी देखने पर मैंने महसूस किया कि जो सीन मैंने शूट किए थे वे गायब थे. इस बात ने मुझे बहुत डिस्टर्ब किया.'' बकौल सोनू, ''मैंने शिद्दत और मेहनत के साथ उन सीन्स को शूट किया गया था. लेकिन जब मुझे फिल्म के कुछ हिस्सों के लिए दोबारा से शूट करने को कहा गया तो मैंने सही महसूस नहीं किया.'' इसके बाद एक्टर ने मूवी छोड़ दी थी. बता दें क

सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा नहीं होंगे CJI, जस्टिस सीकरी को किया नॉमिनेट

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में चल रहे विवाद पर मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया. केंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को दोबारा सीबीआई चीफ के पद पर बहाल कर दिया. हालांकि, आलोक वर्मा का भविष्य अभी भी एक सेलेक्शन कमेटी के हाथ में है. जिसके सदस्यों का ऐलान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने किया. इस सेलेक्शन कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे. क्योंकि अभी लोकसभा में आधिकारिक तौर पर कोई विपक्ष का नेता नहीं है, ऐसे में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे इस कमेटी का सदस्य होंगे. बता दें कि इस कमेटी में पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को भी शामिल होना था, लेकिन उन्होंने अपनी जगह जस्टिस एके सीकरी को नॉमिनेट किया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया, जिसे केंद्र सरकार को बड़े झटके की तौर पर माना गया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से छुट्टी पर भेजे जाने का विरोध किया और कहा कि के